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हिंदी कहानियां - भाग 216

शिबू और सिम्मी: बात मान ले चोर की


शिबू और सिम्मी: बात मान ले चोर की शिबू के पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। उसे एक पार्टी में गाने का बुलावा आया था। उसने अपनी बहन सिम्मी से कहा, ‘‘सिम्मी दी, तुम मेरे साथ आओगी न, मेरा मेकअप करने?’’ सिम्मी मान गई। सुबह आठ बजे उनकी बस चलती थी। दोनों ने बस का टिकट ले लिया और बस में सबसे आगे की सीट पर बैठ गए। बस भरी हुई थी। बस चलने लगी। अचानक शिबू के पैर के पास रखी एक गठरी हिलने लगी। शिबू ने कंडक्टर को बुलाकर कहा, ‘‘सरजी, यह गठरी इतनी हिल क्यों रही है? क्या है इसमें? खोलकर देखूं?’’ अचानक पीछे से एक गरजती हुई आवाज आई, ‘‘खबरदार, जो  गठरी को हाथ लगाया!’’ शिबू के सामने एक तगड़ा सा बंदर आ खड़ा हुआ, लाइकू। इस इलाके का बदमाश। उसने अपनी जींस की जेब से पिस्तौल निकालकर कंडक्टर भूरे खरगोश की कनपटी पर रखी, ‘‘अब मैं जहां कहूंगा, बस वहां ले चलो।’’ बस में बैठे जानवर शोर मचाने लगे, तो पीछे बैठा लाइकू का साथी मंटू बंदर भी आ गया, ‘‘शोर मचाने का कोई फायदा नहीं है। इस गठरी में बिजनेस मैन मिक्कू बंदर का बेटा चिंकू है। हमने चिंकू बंदर का अपहरण किया है। जब तक उसके घर से पैसे नहीं आ जाते, तुम सब हमारी कैद में रहोगे।’’   गठरी से चिंकू बंदर बाहर निकलते ही रोने लगा। सिम्मी ने उसे चुप करा अपने पास बिठा लिया। मंटू और लाइकू के डर से सब चुप हो गए। लाइकू ने अब खुद बस चलानी शुरू की  और बहुत दूर नदी किनारे ले जाकर बस खड़ी कर दी। शिबू  के पास गिटार देखकर लाइकू ने पूछा, ‘‘यह तुम बजाते हो?  चलो, हमारा थोड़ा गा-बजाकर मनोरंजन करो।’’   शिबू के दिमाग में एक आइडिया आया। उसने धीरे से सिम्मी के कान में फुसफुसाते हुए कहा, ‘‘देखो, लाइकू से बचने का यही मौका है। तुम यहां जितने भी छोटे बच्चे हैं, उन सबका एक सा मेकअप कर दो। लाइकू पहचान नहीं पाएगा कि चिंकू कौन है। इसके बाद का काम मैं संभाल लूंगा।’’ सिम्मी  फौरन अपने काम में लग गई। सब बच्चे जोकर की तरह दिखने लगे। शिबू ने बच्चों को अपने पास बिठाकर गाना शुरू किया-   काली रात है, भूख लगी है जोर की चलो गाना गाते हैं, बात सुनें एक चोर की गाते-गाते सब नाचने लगे। लाइकू भी झूमने लगा। शिबू ने गाते-गाते लाइकू और मंटू की पिस्तौल उठाकर अपनी जेब में छिपा ली। इतने में  चिंकू के पापा पैसे लेकर पहुंच गए। लाइकू पैसा लेने के लिए आगे बढ़ा, तो मिक्कू ने जोर से कहा, ‘पहले मुझे मेरे बेटे से तो मिलाओ।’ शिबू ने चिंकू को चुप रहने का इशारा किया। वहां सारे बच्चे एक से दिख रहे थे। लाइकू चकरा गया और मंटू को डांटने लगा। शिबू ने लाइकू की कनपटी पर पिस्तौल रख दी और दूसरे जानवरों ने दोनों बदमाशों की अच्छी-खासी धुनाई कर दी। अब शिबू को चिंता थी कि कल सुबह पार्टी में गाना गाने वह समय से कैसे पहुंच पाएगा? मिक्कू ने कहा, ‘‘तुमने मेरे बेटे की जान बचाई है, मेरे पैसे बचाए हैं, मैं तुम्हें अपनी गाड़ी में छोड़कर आऊंगा।’’ सिर्फ मिक्कू नहीं, बस के सभी साथी शिबू का गाना सुनने चल पड़े। उन सबका हीरो जो बन गया था शिबू!

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